आईसेक्ट विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के बीच एमओयू
झारखंड में लीची उत्पादन को मिलेगा नया आयाम
झारखंड की मिठास भरी लीची अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नई पहचान बनाने को तैयार है। आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग और राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर (बिहार) के बीच मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य लीची सहित विभिन्न फलों के उत्पादन, गुणवत्ता, तकनीकी सहयोग और विपणन को नई दिशा देना है।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र परिसर में आयोजित इस समझौते कार्यक्रम के दौरान आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, सम कुलपति डॉ गौरव शुक्ला, कृषि संकायाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विकास दास सहित कई वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अधिकारी उपस्थित थे।